Thursday, December 4, 2014

चयन बोर्ड को जिलों के डीआईओएस ने भेजा विवरण - लखनऊ समेत 17 जिलों में टीचरों की वैकेंसी नहीं

  • उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने मांगा टीजीटी- पीजीटी एवं संस्था प्रमुखों के खाली पदों का विवरण
  • वयन बोर्ड ने शासन को अवगत कराई डीआईओएस की करतूत 
इलाहाबाद। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की लगातार कमी बनी हुई है। हर साल प्रदेश से हजारों की संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, बावजूद इसके माध्यमिक विद्यालयों में पद खाली नहीं हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) से उनके जिले में शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी। प्रदेश के 17 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने चयन बोर्ड को भेजी जानकारी में स्पष्ट कहा है कि उनके यहां कोई पद खाली नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से दो महीने पहले प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे पत्र में उनके जिले के सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में खाली टीजीटी-पीजीटी एवं संस्था प्रमुखों के रिक्त पदों का अधियाचन भेजने को कहा था। इन पदों की सूचना मिलने के बाद चयन बोर्ड ने जनवरी तक टीजीटी-पीजीटी के खाली पदों के लिए विज्ञापन जारी करने का फैसला किया था। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने 17 जिलों में कोई पद खाली नहीं होने की सूचना भेजी है।
चयन बोर्ड को आगरा, फिरोजाबाद, कांशीराम नगर, महामाया नगर, रामपुर, बिजनौर, लखनऊ, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, सिद्घार्थनगर, संतकबीर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर सहित कुल 17 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में वैकेंसी शून्य बताया है जबकि गोरखपुर में जिला विद्यालय निरीक्षक ने टीजीटी-पीजीटी एवं संस्था प्रमुख के 315 खाली पदों की जानकारी भेजी है। इलाहाबाद में मात्र पांच पदों को खाली बताया गया है। चयन बोर्ड के सचिव जितेन्द्र कुमार ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से बरती गई लापरवाही से शासन को अवगत करा दिया गया है।
जानबूझकर पदों को नहीं भेजने वालों पर कार्रवाई होगी।

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