Sunday, September 28, 2014

शिक्षक भर्ती में बाकी हैं कई सवालों के जवाब

  • अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों पर अब भी असमंजस, 

  • एससीईआरटी ने राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति को भेजे प्रत्यावेदन

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग अभी कई सवालों में उलझा हुआ है। अभ्यर्थियों की ओर से दिए गए प्रत्यावेदनों को लेकर महकमा अब भी उहापोह की स्थिति में है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की अगुआई में गठित राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति को इन प्रत्यावेदनों को भेजकर इन पर विचार कर जल्दी फैसला लेने को कहा है। शिक्षकों की भर्ती के लिए दूसरी काउंसिलिंग चालू हो चुकी है। वहीं अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि लखनऊ के राजकीय रचनात्मक प्रशिक्षण महाविद्यालय से एलटी करने वाले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी शिक्षकों की भर्ती के योग्य हैं या नहीं। शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वालों में कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से 1995 के बाद एक सिटिंग में स्नातक डिग्री हासिल की है। बड़ी संख्या में ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जिन्होंने श्रीनगर के कश्मीर विश्वविद्यालय और नई दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के जरिये दो वर्षीय बीएड किया है। मध्य प्रदेश के भोजमुक्त विश्वविद्यालय भोपाल से बीएड विशेष शिक्षा का दो वर्षीय पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी काफी है। ऐसे अभ्यर्थियों ने खुद को शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है। तमिलनाडु में सेलम स्थित विनायक मिशन यूनिवर्सिटी से दूरस्थ विधि से बीएससी बायोटेक्नोलॉजी के स्नातक डिग्रीधारकों ने भी एससीईआरटी से अपने अभ्यर्थन पर विचार करने को कहा है। एससीईआरटी अभ्यर्थियों के इन प्रत्यावेदनों को लेकर गफलत में है। एनसीईटीई अधिनियम, 1995 से पहले और 1998 के पूर्व 40/45 प्रतिशत से कम अंकों से स्नातक और बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती के योग्य माना जाए या नहीं, इसे लेकर भी असमंजस है। सामान्य श्रेणी के कई ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जिनके स्नातक में 45 फीसद से ज्यादा अंक हैं और जिन्होंने 2010 में बीएड में प्रवेश पाया था लेकिन उनके बीएड अंकपत्र में 2011 अंकित है। स्नातक में 45 प्रतिशत से कम अंक के बावजूद एनसीटीई अधिनियम के अनुसार परास्नातक के अंकों के आधार पर बीएड किए हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने पर असमंजस है। एससीईआरटी निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति को इन प्रत्यावेदनों पर विचार कर फैसला लेने को कहा है।

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