Monday, November 3, 2014

किताबों की सुधरेगी क्वालिटी : बदलेगा मानक और जल्द मिलेंगी किताबें

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों की किताबों की क्वालिटी में और सुधार लाने की तैयारी है। कागज की मोटाई 60 ग्राम स्क्वॉयर मीटर (जीएसएम) से बढ़ाकर 70 करने और चमक भी बढ़ाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर सहमति बन गई है और जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी ले ली जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले प्राइमरी और उच्च प्राइमरी तथा संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में कक्षा 8 तक पढ़ने वाले करीब पौने तीन करोड़ बच्चों को मुफ्त किताब देने की योजना है। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मौजूदा समय जो किताबें दी जा रही हैं उसकी क्वालिटी काफी अच्छी नहीं है। इसके चलते किताबें जल्द फट जाती हैं। इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद चाहती है कि बच्चों को ऐसी किताबें दी जाएं जो जल्द न फटने पाएं। इसीलिए कागज की मोटाई बढ़ाने, सुपर क्वालिटी इंक का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव है। इससे छपाई लागत आठ से 10 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।

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