Monday, November 3, 2014

गांव से शहर आने पर भी सीनियर रहेंगे शिक्षक - पदोन्नति में विसंगति पर हाईकोर्ट के निर्णय से शिक्षकों को राहत

मथुरा। अब बेसिक के शिक्षकों के देहात से नगर क्षेत्र में स्थानांतरित होने पर उनकी वरिष्ठता पर असर नहीं पड़ेगा। उनका ग्रामीण क्षेत्र का अनुभव बरकरार रखा जाएगा। यह निर्णय हाईकोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया में आने वाली विसंगतियों को देखते हुए जारी किया है।
अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात रहे शिक्षकों के नगर क्षेत्र में ट्रांसफर लेने पर उनकी सर्विस में वरीयता खत्म हो जाती थी। यह वरीयता पदोन्नति प्रक्रिया को प्रभावित करती थी। इसके चलते कई बार सर्विस में जूनियर शिक्षक को पदोन्नति मिल जाती थी और सीनियर शिक्षक पदोन्नति से वंचित रह जाते थे। इस विसंगति को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने 28 अक्तूबर को आदेश जारी किया है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के नगरीय क्षेत्र में स्थानांतरित होने के बाद उनका अनुभव समाप्त नहीं माना जाएगा।
सीतापुर की शिक्षिका ने दायर की थी रिट
सीतापुर जनपद की सहायक अध्यापिका प्रियंका शुक्ला देहात क्षेत्र में तैनात थीं। जब उनका नगरीय क्षेत्र में ट्रांसफर हुआ तो उनकी वरीयता समाप्त कर दी गई। उन्होंने इस संबंध में हाईकोर्ट में रिट दायर की। विसंगति को देखते हुए कोर्ट ने ये आदेश जारी किए हैं।
ज्वाइनिंग डेट से मानी जाएगी वरीयता
शिक्षक नेता गौरव यादव ने बताया कि अब परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की वरीयता उनकी विभाग में ज्वाइनिंग डेट से ही मानी जाएगी। इसी आधार पर पदोन्नति प्रक्रिया में भी उन्हें वरीयता मिलेगी।
सुविधा के कारण जाते हैं नगर क्षेत्र में
नगरीय क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को 120 से 240 रुपये प्रतिमाह नगरीय प्रतिकर भत्ता मिलता है। साथ ही नगर क्षेत्र में आवागमन में सुविधा रहती है। यही कारण है कि शिक्षक खासतौर पर शिक्षिकाएं नगरीय क्षेत्र में वरीयता समाप्त होने के नियम के बाद भी यहां स्थानांतरण चाहते थे।

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