Monday, October 27, 2014

लेटलतीफी की भेंट चढ़ा बीटीसी 2013-14 का सत्र

लखनऊ। प्रदेश में काफी प्रयासों के बाद भी बीटीसी का सत्र नियमित नहीं हो पा रहा है। शैक्षिक सत्र 2013-14 बीत चुका है, लेकिन इस सत्र के लिए अभी भी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शैक्षिक सत्र 2014-15 का क्या होगा।
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। इसलिए दो वर्षीय बीटीसी करने वालों की मारामारी रहती है। प्रदेश में बीटीसी की सरकारी सीटें 10,450 तथा 695 निजी कॉलेजों में 34,750 सीटें हैं।
सत्र 2013-14 में दाखिला प्रक्रिया शुरू छह माह पहले हुई थी और सत्र अगस्त से हरहाल में शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन अक्तूबर खत्म होने को है पर अभी तक सभी सीटें नहीं भर पाई हैं। बीटीसी की करीब 11,000 सीटों पर दाखिले के लिए 2 नवंबर तक अभी काउंसलिंग चलनी है। फीस जमा करने की प्रक्रिया कम से कम एक सप्ताह में पूरी होगी। इसके बाद भी सीटें न भरीं तो एक काउंसलिंग और होगी। इससे यह तय है कि यह सत्र काफी लेट हो जाएगा।
नए कॉलेजों के लिए आवेदन 5 नवंबर तक
लखनऊ। निजी क्षेत्र में खुलने वाले बीटीसी कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां 5 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता पाने वाले कॉलेज ही पात्र होंगे। आवेदन आने के बाद डायटों से इसका स्थलीय परीक्षण कराने के बाद प्रस्ताव राज्य स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाएगा। संबद्धता मिलने के बाद प्रत्येक निजी कॉलेजों में बीटीसी की 50 सीटों पर दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी।
  • अगस्त से हर-हाल में शुरू होना था सत्र
  • अभी रिक्त सीटों पर दाखिले को 2 नवंबर तक होगी काउंसलिंग

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