Monday, October 27, 2014

पीसीएस प्री 2014 में कटऑफ से ज्यादा नंबर पाने के बाद भी हुए फेल, 29 को होगी सुनवाई

अब हाईकोर्ट में गूंजेगा ‘फेल-पास’ का मामला

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग की अनियमितताओं की फेहरिश्त फिर हाईकोर्ट के हवाले हो गई है। इस बार पीसीएस प्री परीक्षा 2014 में कटऑफ से ज्यादा नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों के फेल होने का मामला प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा आयोग से जुड़े अन्य गड़बड़ियों को भी चुनौती दी गई है। आयोग ने कोर्ट में अपना पक्ष भी रख दिया है अब अभ्यर्थियों का पक्ष 29 अक्टूबर को सुना जाएगा। इधर कई वर्षो से अपनी गतिविधियों को लेकर लोकसेवा आयोग चर्चा में रहा है। इस बार पीसीएस 2014 का परिणाम जारी होने के बाद तो परीक्षार्थियों ने नए सवाल खड़े किए हैं। दरअसल कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने जारी कटऑफ से अधिक नंबर पाए हैं, लेकिन उन्हें फेल करार दिया गया है। राहुल कुमार सिंह ने कृषि वर्ग में सामान्य अभ्यर्थी के रूप में 214 अंक पाए हैं और कटऑफ 213 गया है, फिर भी राहुल को फेल करार दिया गया है। ऐसे ही एक नहीं कई नाम हैं जिनके साथ यह वाकया दोहराया गया है। वैसे आयोग में इस तरह की दर्जनों शिकायतें भी हुई, पर अनसुनी कर दी गई। सुरभि पांडेय, ऋचा चौधरी, रेनू वर्मा, प्रवीण सिंह, शैलेंद्र सिंह ने व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा परिणाम जारी करने में स्केलिंग के मनमाने प्रयोग एवं संशोधित की-आंसर शीट जारी न करने को भी मुद्दा बनाया गया है। अभ्यर्थी सुभाष कुमार पाल एवं 28 अन्य ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 2013 में कोर्ट के कहने पर आयोग ने संशोधित की-आंसर शीट तो जारी की थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया। 29 अक्टूबर को कोर्ट नंबर 29 में न्यायाधीश सतीश चंद्रा एवं दिलीप गुप्ता की कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई होगी। इस याचिका में आयोग ने अपना काउंटर भी दाखिल कर दिया है जिसमें उसने स्वीकारा है कि 17 सवालों के आंसर बदले हैं और दो सवालों को हटाया गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति एवं भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अलग-अलग तरीके से गल्तियों को उजागर कर रहे हैं। इस संबंध में एक और याचिका दायर करने की तैयारी है। आयोग के सचिव जगदीश प्रसाद का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल फोन नहीं उठा।

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