Wednesday, October 29, 2014

कॉलेजों में नहीं शिक्षक, कैसे हो पढ़ाई

  • राजकीय कॉलेजों में नियमित कक्षाएं चल पाना मुश्किल 

  • आधे से अधिक शिक्षक सरकारी कार्यो में संबद्ध

जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजकीय कॉलेजों में पढ़ाई ठप होने के कगार पर है। यह हाल तब है जब बोर्ड परीक्षाओं में कुछ ही महीने बचे हैं और शिक्षक पढ़ाने के बजाए दूसरे सरकारी कार्यो के लिए संबद्ध कर दिए गए हैं। कॉलेजों में नियमित कक्षाएं चलना मुश्किल हो गया है। कई कॉलेजों ने तो बाकायदा पत्र लिखकर संबद्ध शिक्षकों को रिलीव करने को कहा है। 1एक नजर डालते हैं शहर के कुछ प्रमुख राजकीय स्कूलों पर जिनके आधे शिक्षक दूसरे जगहों पर अटैच हैं। राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में 27 शिक्षक विभिन्न सरकारी कार्यो में संबद्ध हैं। वहीं हुसैनाबाद कॉलेज के 26 शिक्षक, निशातगंज राजकीय इंटर कॉलेज के 25 शिक्षक, सरोजनीनगर सैनिक स्कूल के 13 शिक्षक, राजकीय बालिका विद्यालय नरही से सात शिक्षिका, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रंगारनगर की चार शिक्षिका, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज विकासनगर से सात शिक्षिका, राजकीय बालिका इंदिरानगर की दस शिक्षिकाओं को संबद्ध किया गया है। 1राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला का कहना है कि सरकार अप्रैल से सत्र नियमित करने के दावे तो ठोंक रही है लेकिन हकीकत कोसों दूर है। बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में होनी हैं और प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक महीने बाद शुरू हो जाएंगी। इसके बावजूद राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को सरकारी कार्यो के लिए संबद्ध किया जा रहा है। कई कॉलेजों में तो नियमित कक्षाएं तक नहीं चल पा रही हैं। पढ़ाई पर इसका जबर्दस्त असर पढ़ रहा है लेकिन अफसर सुनने को तैयार नहीं है। शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य के लिए जब वक्त ही नहीं मिलेगा तो परिणाम कहां से बेहतर मिलेंगे। राजकीय शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव माध्यमिक को पत्र लिखकर शिक्षकों का संबद्धीकरण खत्म करने को कहा है जिससे कॉलेजों में कक्षाएं सुचारू ढंग से चल सकें।

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