Thursday, October 30, 2014

सहायक समीक्षाधिकारी के 657 पदों की भर्ती पर रोक

इलाहाबाद : हाईकोर्ट में सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) के 657 पद की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। यह रोक सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लगाई है। साथ ही हाईकोर्ट इलाहाबाद से चार सप्ताह में जवाब भी तलब किया है। इसकी अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायिक पीठ ने वर्ष 2009 में सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) के 468 पदों का विज्ञापन निकाला था। इस भर्ती प्रक्रिया में 80 नंबर की मुख्य परीक्षा हुई और 20 नंबर की कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा हुई। कंप्यूटर टाइपिंग की परीक्षा हाईकोर्ट के ही सिस्टम सेल ने कराई थी। आरोप है कि इसमें व्यापक अनियमितता हुई। दरअसल हर अभ्यर्थी को दस मिनट में 500 शब्द टाइप करने थे और एक से लेकर चाहे जितनी गलतियां हो पर कंप्यूटर दो ही नंबर काटता था। इस पर अभ्यर्थियों ने प्रकरण को कोर्ट में चुनौती दी। आशीष सिंह ने 27 अगस्त 2012 को न्यायाधीश अरुण टंडन की कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें न्यायाधीश टंडन ने एक महीने में नए नियम बनाकर कापियों का पुनमरूल्यांकन करने एवं आरक्षण का भी पालन करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने इसका अनुपालन करने के बजाए 2012 में ही स्पेशल कोर्ट में न्यायाधीश सुनील अंबवानी एवं सूर्य प्रकाश केसरवानी की कोर्ट में अपील की तो दोनों न्यायाधीशों ने अरुण टंडन के आदेश को खारिज कर दिया। इस पर आशीष सिंह ने हार नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट में नवंबर 2013 में एसएलपी दायर की। इसी बीच हाईकोर्ट ने फिर 2014 में एआरओ 189 पदों का विज्ञापन निकाला तो रिट में उसे भी शामिल किया गया। न्यायाधीश टीएस ठाकुर, आदर्श कुमार गोयल एवं आर भानुमती ने हाईकोर्ट इलाहाबाद के स्पेशल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक याचिका का निपटारा नहीं हो जाता तब तक एआरओ पद पर भर्ती की प्रक्रिया ठप रहेगी। जजों ने हाईकोर्ट से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

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