Monday, October 27, 2014

शोध और एमटेक के छात्र देंगे पढ़ाने की भी ट्रेनिंग - डिग्री कॉलेजों में संविदा पर रखे जाएंगे विद्यार्थी

Click here to enlarge image
लखनऊ : सूबे के डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए यूजीसी ने एक नई पहल शुरू की है। अब डिग्री कॉलेजों में पीएचडी और पीजी तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिसर्च स्कॉलर और एमटेक विद्यार्थियों को पढ़ाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद इन विद्यार्थियों को कॉलेजों में संविदा पर तैनाती भी की जाएगी। दरअसल प्रदेश भर के डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों की जबर्दस्त कमी है। प्रदेश के अनुदानित और सरकारी डिग्री कॉलेजों में विभिन्न विभागों में शिक्षकों के करीब पांच हजार पद रिक्त हैं। लखनऊ में ही विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में करीब 215 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए ही यूजीसी ने विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दिलाने की पहल की है। लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष मौलींदु मिश्र का कहना है कि यूजीसी का यह निर्णय विद्यार्थियों के लिए काफी अच्छा है। इससे छात्रों को कॅरियर बनाने में काफी मदद मिलगी। वहीं उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय ने शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए इस पर काम करना शुरू कर दिया है। बीटेक के छात्रों को पढ़ाने के लिए शोध विद्यार्थियों और एमटेक के छात्रों के लिए अब विशेष ट्रेनिंग सत्र चलाए जाएंगे जिसमें यह बताया जाएगा कि पढ़ाना कैसे है। यूपीटीयू प्रशासन का कहना है कि इससे कई फायदे होंगे। शोध और एमटेक छात्रों को इस टेनिंग से अपनी पढ़ाई में फायदा होगा। उन्हें पढ़ाने के दौरान अनुभव मिलेगा जिससे भविष्य में मिलने वाली नौकरियों में मदद मिलेगी। वहीं कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

No comments:

Post a Comment