नई दिल्ली : आठवीं कक्षा तक छात्रों को अनिवार्य रूप से अगली कक्षा में उत्तीर्ण करने का नियम अब अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू होगा। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि यह संविधान की ओर से उनको दिए गए संरक्षण में बाधक नहीं है। इसी तरह इन स्कूलों को शारीरिक दंड पर पूरी तरह रोक के नियम को भी लागू करना होगा। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने राज्य सरकारों को ये दोनों नियम सख्ती से लागू करने को कहा है। कुछ समय पहले राज्यों को लिखे पत्र में कहा गया है कि चाहे वह अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान की ओर से चलाया जा रहा स्कूल ही हो, ये नियम सभी स्कूलों पर लागू होते हैं। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून में ये दोनों प्रावधान किए गए हैं मगर सुप्रीम कोर्ट यह साफ कर चुका है कि आरटीई को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं किया जा सकता। राज्यों को लिखे पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि संविधान में अल्पसंख्यक संस्थानों को जो छूट दी गई है, उनका ये नियम उल्लंघन नहीं करते।
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