Thursday, October 16, 2014

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति जारी

  • कल से शुरू होगी प्रक्रिया

लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति गुरुवार को जारी कर दी गई। नीति की खास बात यह होगी कि इस बार डिबार स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। मान्यता पाने वालों को पहले साल परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। केंद्र बनाने के लिए दो बैच बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना अनिवार्य होगा। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू कर 19 नवंबर तक पूरी की जाएगी। मंडलीय समिति के अनुमोदन के बाद इसमें कोई संशोधन नहीं किया जा सकेगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ने गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया है।1शासनादेश में कहा गया है कि तीन वर्षो 2012, 2013 व 2014 की परीक्षाओं के दौरान सचल दल या निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इन तीनों वर्षो के दौरान डिबार या एफआइआर लिखाए जाने वाले स्कूलों को भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। पूर्व की भांति वर्ष 2015 की परीक्षा में प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों को लगाया जाएगा। राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों का जो शिक्षक डय़ूटी करने में आनाकानी करेगा उसे गैर हाजिर मानते हुए वेतन काटा जाएगा। संस्थागत बालक परीक्षार्थियों का केंद्र यथासंभव निकट के स्कूलों में बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रओं के लिए स्वकेंद्र की व्यवस्था रहेगी। राजकीय इंटर कॉलेजों से प्राइवेट फार्म भरने वाली छात्रओं के लिए स्वकेंद्र की सुविधा दी जा सकती है। निशक्त व दृष्टिबाधित छात्र-छात्रओं को स्वकेंद्र परीक्षा की सुविधा दी जाएगी। उनका स्कूल यदि परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है तो पास के केंद्रों पर परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी। परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण दल, सचल दल के सदस्य के रूप में केवल राजपत्रित अधिकारी ही प्रवेश करने की इजाजत होगी।

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