Thursday, October 30, 2014

फीस वापस न करने पर निजी स्कूलों को फटकार

  • छठे वेतन आयोग की सिफारिशों की आड़ में फीस बढ़ाने का मामला
  • न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह का वेतन न देने पर सरकार के प्रति भी नाराजगी जताई
  • 242 निजी स्कूलों को ब्याज सहित बढ़ी फीस वापसी का हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश
 
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों की आड़ में बच्चों से अधिक फीस वसूलने वाले राजधानी के निजी स्कूलों को आदेश के बावजूद फीस वापस न करने पर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा यह काफी गंभीर मामला है। अदालत ने न्यायमूर्ति अनिल देव कमेटी के वेतन संबंधी बिलों को भी पास न करने पर नाराजगी जताई है।
न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ के समक्ष पेश याची के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद 242 स्कूलों में से एक भी स्कूल ने फीस वापस नहीं की। उन्होंने कहा कि अब फीस वापसी करने वाले स्कूलों की संख्या बढ़कर 373 हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा निदेशालय फीस वापस दिलवाने में असमर्थ है ऐसे में यदि स्कूलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए तो अदालत के निर्देश पर ही फीस वापस दिलवाई जा सकती है। उधर गठित कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने रिपोर्ट पेश कर अदालत को बताया कि स्कूलों ने 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों की आड़ में अधिक फीस वसूली है लेकिन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया। इसके अलावा काफी स्कूल है जिनके खाते ठीक नहीं है या उन्होंने पेश नहीं किए। अदालत ने स्कूलों के रवैये पर उन्हें फटकार लगाते हुए शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर तय की है।

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