Wednesday, October 22, 2014

सरकार की सुस्ती से लटकी हैं पांच लाख भर्तियां ; आयोग बहाल कर चेयरमैन बनाना भूल गई सरकार

  • इन आयोगों को भी मुखिया का इंतजार
1. राज्य विधि आयोग : प्रदेश सरकार ने जनवरी में राज्य विधि आयोग के गठन का फैसला किया था। इसमें एक अध्यक्ष, एक पूर्णकालिक व एक अंशकालिक सदस्य तथा एक सचिव की नियुक्ति की जानी है। आयोग का काम न्यायालयों में लंबित मुकदमों के निस्तारण में विलंब के कारणों की पड़ताल, उसके समाधान, जनता को तेजी से न्याय दिलाने, न्यायिक प्रक्रिया में सुधार तथा प्रदेश की आवश्यकताओं के लिहाज से मौजूदा कानूनों में संशोधन तथा उन्हें और प्रभावी बनाने पर सरकार को राय देना है। सरकार इस आयोग में भी अध्यक्ष व सदस्यों का चयन नहीं कर पाई है।
2. बाल अधिकार संरक्षण आयोग : प्रदेश सरकार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया था। इसमें एक अध्यक्ष और छह सदस्यों की नियुक्ति की जानी है लेकिन अभी तक ये नियुक्तियां नहीं की जा सकी हैं। फिलहाल, आयोग का कामकाज शुरू करने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रमुख सचिव महिला कल्याण को आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
3. राज्य सूचना आयोग : राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद पिछले तीन महीने से खाली है। सरकार अब तक दो बार सीआईसी चयन के लिए बैठक बुला चुकी है। मगर, दोनों ही बार बैठकें स्थगित कर दी गईं।
महेंद्र तिवारी
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के जरिये अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन का फैसला तो कर लिया लेकिन आयोग में चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति पर चुप्पी साध ली। नतीजा ये है कि समूह ‘ग’ की करीब पांच लाख नौकरियों के लिए भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पिछली बसपा सरकार के समय से ही भंग चल रहा था। सपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इसकी बहाली की कोशिशें शुरू की। इसके लिए दो बार अध्यादेश लाया गया। इसमें एक चेयरमैन व आठ सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है। गौर करने वाली बात है कि अध्यादेश तभी लाए जाते हैं जब इसकी तत्काल आवश्यकता हो और विधानमंडल सत्र आहूत न हो पा रहा हो। सरकार ने आयोग की तात्कालिक आवश्यकता स्पष्ट करते हुए कहा था कि अधिकतर विभागों में समूह ग के बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। इन पर तेजी से भर्ती की जरूरत है। रिक्त पदों की संख्या के मद्देनजर लोक सेवा आयोग तमाम प्रयासों के बावजूद आवश्यक संख्या में भर्ती नहीं कर पा रहा है। पर, सरकार अब तक चेयरमैन व सदस्यों का चयन नहीं कर सकी है। इस वजह से भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।

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