विद्यालयों में बढ़ेगी खेल गतिविधियां
इलाहाबाद : ‘पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब’ की लाइनों पर शिक्षा विभाग एतबार नहीं करता। इसलिए वह पढ़ाई के साथ खेलकूद को बराबर से वरीयता दे रहा है। इसके तहत माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्रओं को नियमित पढ़ाई के साथ ही खेलों में भी पारंगत किया जाएगा। यही नहीं छात्रों को खान-पान की जानकारी देने से लेकर, योग, ध्यान की सीख भी दी जाएगी। विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिए उन्हें मार्शल आर्ट का विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। मकसद सेहतमंद बनाने के साथ सचिन, महेंद्र सिंह धौनी, सानिया मिर्जा, मैरी कॉम, सरदार सिंह, दानिश मुजतबा जैसी प्रतिभाएं निखारना है। इसमें छात्रओं को अधिक वरीयता दी जा रही है। इसके लिए विद्यालयों को प्रतिदिन एक घंटे का अतिरिक्त समय निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है। आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे पढ़ाई पर अधिक समय देते हैं। कक्षा आठ के बाद पढ़ाई को लेकर उनकी गंभीरता बढ़ जाती है। अभिभावक भी चाहते हैं कि उनका बच्चा अधिक समय तक पढ़े। इससे वह खानपान को लेकर लापरवाही बरतने लगते हैं। खेलकूद में ध्यान न देने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए उपशिक्षा निदेशक चतुर्थ मंडल महेंद्र कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक व क्रीड़ाध्यापकों को खेल की गतिविधियां बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके तहत विद्यालय में क्रिकेट, वॉलीबाल, मार्शल आर्ट, हाकी, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी जैसी प्रतियोगिताएं हर दिन कराई जाएंगी। जो बच्चे इन प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लेते उन्हें योग-ध्यान के साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाएगा। महेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चे पढ़ाई तो पूरी तन्मयता से करते हैं, परंतु खेल को महत्व नहीं देते। जबकि खेल से वे शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं, साथ में भविष्य में आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं रहती हैं।
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