Wednesday, October 8, 2014

चार-पांच कमरे में चलाए जा रहे विद्यालय, 46 फर्जी संस्थानों को दी गई नोटिस

चार-पांच कमरे में चलाए जा रहे विद्यालय

46 फर्जी संस्थानों को दी गई नोटिस


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जिन विद्यालयों को नोटिस दी गई है उनमें इंडियन पब्लिक स्कूल टीपीनगर, राजदेव पब्लिक स्कूल महेंद्रनगर, सन लाइट पब्लिक स्कूल गंगाविहार, सन ब्राइट पब्लिक स्कूल टीपीनगर, सज्जन विद्या मंदिर हरवारा, विवेकानंद प्राथमिक विद्यालय मुंडेरा, कैप्टर पब्लिक स्कूल टीपीनगर, सेंट क्रिस्टोफर स्कूल राजरूपपुर, लिटिल एंजिल स्कूल करेली, ब्राइटवे पब्लिक स्कूल करेली, ब्लूवेल कांवेंट स्कूल करेली, पाम एकेडमी करेली, तकवा इस्लामिक स्कूल करेली, नोबुल नर्सरी कांवेंट शाहगंज, सेंट जान प्ले स्कूल करेली, पेन प्ले स्कूल शाहगंज, हसन मेमोरियल स्कूल दायराशाह अजमल, रुट्स प्ले स्कूल सब्जीमंडी, स्काई लार्क स्कूल बख्शी बाजार, वंडर लैंड करामत की चौकी, न्यू ब्लासम पब्लिक स्कूल नई पानी की टंकी करेली, मॉडल पब्लिक स्कूल करामत की चौकी, अलफलाह पब्लिक स्कूल करामत की चौकी, सेंट पाल प्राइमरी स्कूल भावापुर, एएम आक्सफोर्ड करेली, अपोलो पब्लिक स्कूल करेलाबाग, कादिर बख्श मेमोरियल स्कूल शौकत अली रोड, सिदरा मांटेसरी स्कूल मिर्जा गालिब रोड, ग्रीनवूड पब्लिक स्कूल मिर्जा गालिब रोड, नरेंद्र मेमोरियल स्कूल रोशनबाग, होराइजन पब्लिक स्कूल तुलसीपुर, स्माल वेंटर जूनियर हाईस्कूल गौसनगर करेली, जेके पब्लिक स्कूल गौसनगर करेली, श्रीश पब्लिक स्कूल नयापुरा करेली, भवंस मेहता स्कूल नखास कोहना, एक्टी पब्लिक स्कूल करेली, बावन लाला जूनियर हाईस्कूल नखास कोहना, जिकरा कांवेंट स्कूल गौस नगर, इमान इस्लामिक स्कूल म्योर रोड, मदर टेरेसा स्कूल प्राइमरी मिशन रोड पुराना कटरा, महर्षि भारद्वाज विद्या मंदिर अंग्रेजी माध्यम भारद्वाज आश्रम कर्नलगंज, स्टार पब्लिक स्कूल ऊंचामंडी, प्यूपिल ग्लोसी कीडगंज, मेरी किड्स मुंशीराम प्रसाद की बगिया, केसर कांवेंट स्कूल ठाकुरदीन का हाता बहादुरगंज और रेडक्लिफ विद्यालय स्टेनली रोड शामिल हैं।जासं, इलाहाबाद : न मान्यता ली, न ही बच्चों को सुविधाएं दीं। दरवाजे पर बोर्ड टांगा और खोल लिया विद्यालय। नियम-कानून की अनदेखी कर शहर में चल रहे ऐसे विद्यालयों के खिलाफ बेसिक शिक्षा परिषद ने मुहिम तेज कर दी है। नगर शिक्षाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। तकरीबन हर मुहल्ले में आधा दर्जन से अधिक अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें अधिकतर चार-पांच कमरे में ही चल रहे हैं। यहां अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने के बाद भी बच्चों के पढ़ने, खेलने, पीने के पानी, शौचालय आदि की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। प्रबंधन ने विद्यालय चलाने के लिए कोई मान्यता भी नहीं ली है। ऐसे 46 विद्यालयों को मंगलवार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। दस दिन के अंदर जवाब न देने पर बेसिक शिक्षा विभाग विद्यालय प्रबंधन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। इसके पहले 11 सितंबर को 42 विद्यालयों के खिलाफ नोटिस जारी की जा चुकी है। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 27 जुलाई 2011 से लागू है। इसके तहत बिना मान्यता लिए कोई भी विद्यालय नहीं चलना चाहिए। नियमत: पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को खोलने से पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी से मान्यता लेनी होती है। जहां पर विद्यालय खोला जाता है वहां बच्चों को दी जाने वाली तमाम व्यवस्थाओं की पड़ताल बीएसए कराते हैं। नियम और मानकों पर खरा उतरने पर ही विद्यालय खुलने की अनुमति दी जाती है। बीएसए की अनुमति मिलने के बाद विद्यालय खोला जा सकता है, लेकिन इधर तीन-चार साल में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की बाढ़ सी आ गई, बिना मान्यता लिए घरों में कई विद्यालय खुल गए। नगर शिक्षाधिकारी ज्योति शुक्ला का कहना है मान्यता व सुविधाओं की अनदेखी कर विद्यालय चलाने वाले प्रबंधकों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है, उचित जवाब न देने पर विद्यालय बंद करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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