Wednesday, October 1, 2014

फर्जी पंजीकरण मिला तो नपेंगे प्रधानाचार्य

जागरण संवाददाता, लखनऊ : छात्रों के फर्जी पंजीकरण के नाम पर करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाले संदिग्ध स्कूलों की स्थलीय जांच की जाएगी। विभाग के रडार पर जिले के कई संदिग्ध विद्यालय हैं जिनमें इस तरह का गोरखधंधा होने की आशंका जतायी जा रही है। यूपी बोर्ड की कक्षा नौ और ग्यारह के छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण करने की अंतिम तिथि एक अक्टूबर थी। जिला विद्यालय निरीक्षक पीसी यादव ने बताया कि तय वक्त में केवल एक दर्जन स्कूल ही ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। बाकी सभी स्कूलों में पंजीकरण का काम पूरा हो गया है। वहीं कई स्कूलों में फर्जी पंजीकरण की शिकायतें भी मिल रही हैं।  इसलिए विभाग द्वारा सभी संदिग्ध स्कूलों की स्थलीय जांच होगी। मसलन अगर किसी स्कूल में केवल दो कमरे हैं और वहां दो सौ से अधिक छात्र पंजीकृत हैं तो उनकी जांच होगी कि आखिर इतने छात्र कहां से आए। जांच के बाद पंजीकरण फर्जी पाया गया तो फिर संबधित स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऑनलाइन पंजीकरण पूरा होने के बाद टीमें बनाकर स्थलीय जांच की जाएगी। फर्जी पंजीकरण वाले छात्रों का भविष्य क्या होगा। इस पर उनका कहना है कि छात्र का भविष्य खराब न हो इसका ख्याल रखा जाएगा। 1उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री आरपी मिश्र का कहना है कि शिक्षा माफिया का यह करोड़ों का व्यापार है जिस पर अब तक कोई लगाम नहीं कसी जा सकी। उनके संगठन की लंबे समय से मांग रही है कि छात्र निर्धारण क्षमता की स्थलीय जांच कराकर फर्जी पंजीकरण का खेल कर रहे मान्यता प्राप्त कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई हो जाए तो फर्जी स्कूलों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कड़ाई से शिक्षा में फैला गोरखधंधा पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही छात्रों का भी भला होगा।

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