Wednesday, October 8, 2014

कागजों पर चल रहे स्कूलों में छात्रवृत्ति के नाम पर खेल

। माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता लेकर बड़ी संख्या में स्कूल मात्र कागजों पर ही चल रहे हैं। स्कूल के नाम का कागज तैयार करके मनमाने तरीके से सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। शिक्षा माफिया एक स्कूल की जमीन के नाम पर तीन-तीन स्कूलों की मान्यता लेकर सरकारी पैसा हड़प रहे हैं। मानकों में हेराफेरी कर उन्होंने न सिर्फ मान्यता पा ली बल्कि अब छात्रवृत्ति के नाम पर भी खेल कर रहे हैं।
सरकार की ओर से प्राथमिक से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के फेर में बड़ी संख्या में शिक्षा माफियाओं ने नए-नए स्कूल खोलकर हेराफेरी को ही पेशा बना लिया है। कागज पर स्कूल के नाम जमीन की रजिस्ट्री के पेपर पेश करके शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं बाबुओं की मिली भगत से मनमाने तरीके से मान्यता हासिल कर ली है।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से ओबीसी, एससी एवं अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति दी जाती है। कागज पर अथवा एक-दो कमरे में खुले स्कूलों में फर्जी छात्र संख्या पेश करके छात्रवृत्ति हड़प रहे हैं। बोर्ड अधिकारियों की माने तो इस तरह के मामले मैनपुरी, गाजीपुर, कौशांबी, मऊ सहित प्रदेश के कई जिलों में चल रहे हैं।

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